डाॅ0 रिजवान अली
प्रबन्धक/सचिव
सन्देश,
पृथ्वी पर मानव उत्पत्ति से “इल्म” (शिक्षा) वह रोशनी है जो एक समय में कई जिन्दगीयों को रोशन करती है। शिक्षा हमारे जीवन के लिए न केवल आवश्यक है बल्कि अत्यन्त महत्वपूर्ण अंग है। इन्सान (मनुष्य) के अस्तित्व के प्रत्येक क्षेत्र में विकास और प्रगति का आधार शिक्षा है। शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया है जो व्यक्ति (इन्सान) में आत्मनिर्भरता स्वायत्तता एवं स्वतन्त्रता की भावना का विकास करती है। सरकारी संस्थानों में अध्यापकों की कमी, पर सरकार का मानना है कि देश के कोने – कोने में उच्च शिक्षा का प्रसार तथा जनसंख्या वृद्धि एवं अपने क्षेत्र की जनता का शिक्षा की दृष्टि से अति पिछड़ा होना आदि कई सवालों (प्रश्नों) को ध्यान में रखते हुए इस इन्स्टीट्यूट की स्थापना अपने माता-पिता, बुजर्गों की दुआओं एवं मित्रों, अजीजों अक़ारिब (सगे-सम्बन्धियों) के सहयोग से वर्ष 2013 में की गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों को अपने अस्तित्व को शिक्षा के प्रकाश से रोशन करना ही नहीं बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों को आत्मनिर्भर, ईमानदार, चरित्रवान, स्वावलम्बी व राष्ट्रप्रेमी बनाना है। इस इन्स्टीट्यूट से शिक्षा ग्रहण करने वाले प्रत्येक छात्र/छात्रा से मैं आशा करता हूँ कि इन्हीं विचारों से हमें पूर्व ईमानदारी व निष्ठापूर्वक अपने देश की सेवा तथा दूसरों के प्रति भलाई करते रहना है।
इल्म कमजोर को बलवान बना देता है
इल्म हैवान को इन्सान बना देता है।
छीन सकता नहीं कोई भी वह ताकत है इल्म
जो चुराई नहीं जा सकती वह दौलत है इल्म
आप किस रूप में याद रखे जाना चाहोगे ?
आपको अपने जीवन में कौन सा स्वरूप देना है ?
इसे एक कागज पर लिख डालिए……………
वह मानव इतिहास का एक महत्वपूर्ण
पृष्ठ हो सकता है ……………